Tue. May 28th, 2024
 किसान संगठन के बोलने पर हजारों की संख्या में किस देश की राजधानी की तरफ बढ़ रहे हैं किसानों के दिल्ली मोर्चा को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं को सील कर दिया गया है वही हरियाणा पंजाब बॉर्डर पर किसान और पुलिस के बीच में टकराव की घटना भी सामने आई है तथा शंभू बॉर्डर (  Shambhu border )पर घमासान मचा हुआ है पुलिस पर पत्र आपके बाद शहरों में और इलाकों में आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं फिर भी कई सारे आंदोलनकारी (protest)  हिरासत में ले लिया गया है किसान अपनी मांग पर डटे हुए हैं
 WTO से क्यों बाहर आना चाहते हैं किसान ( WTO se Kyon Bahar Aana Chahte Hain Kisan) 
 हम आपको जानकारी के अनुसार बता दे की WTO का मतलब होता है विश्व व्यापार संगठन दरअसल किस एसपी(MSP) की गारंटी फसलों की खरीद और पब्लिक डिसटीब्यूशन सिस्टम को लेकर के कानूनी गारंटी चाहते हैं वही WTO के नियम उनके ठीक उल्टे हैं भारत ने भी WTO में शामिल होने के साथ यह वादा किया कि वह अपने यहां एसपी तय करने की कोई गारंटी नहीं देंगे इसके अलावा WTO में शामिल होने की और भी कई शर्तें थी जिन्हें भी सदस्य देशों को स्वीकार करना चाहते हैं
 इसी के कारण वर्ष से किसान चाहते हैं कि एसपी (MSP) संबंधी उनकी शर्तों को करने के लिए भारत WTO से बाहर आ जाए साथी वह सभी FTAS को भी रद्द कर दे जिससे उसे किसी भी दूसरे देशों या संगठनों की शर्तों के आगे झुकना ना पड़े |
केंद्र सरकार से किसानों की मांगें  ( Kendra Sarkar Se kisanon Ki Mange) 
1. किसान नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
2. किसानों ने दिल्ली मोर्चा के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया गया था उन्हें तुरंत पूरा करने की मांग की गई है।
3. साल 2021-22 के किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमें दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द करने की मांग शामिल है।
4. इस बार के आंदोलन में केंद्र सरकार से किसानों की मांग है कि पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को मुआवजा तथा एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की गई है।
5. किसान नेता चाहते हैं कि लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
6. दिल्ली कूच करने वाले किसानों नेताओ आपका साथी सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
7. 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
8. कृषि व दुग्ध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
9. किसान नेता किसान स्वामीनाथन आयोग सिफारिशों को लागू करने की मांग भी कर रहे ह।
10. केंद्र सरकार से किसान कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन करके कपास सहित सभी फसलों को समझे
 किसान आंदोलन करने का असली मकसद
1- भारतीय जनता पार्टी यानी कि बीजेपी को लोकसभा चुनाव में हारने की साजिश
2-  1947 के तरह भारत का विभाजन करके भारत का टुकड़ा करके एक नए देश का निर्माण करना जिसका नाम खालिस्तान है
3- देश की एकता अखंडता को तोड़ के समाज में  अराजकता फैलाना
निवेदन-    हमारे आर्टिकल लिखने का उद्देश्य किसी की भावनाओं पर  ठेस पहुंचाना नहीं है बल्कि समाज के अंदर में सामाजिक जागरूकता फैलाना ही  हमारा उद्देश्य एवं कर्तव्य है
 पोस्ट को देखने के लिए आप सभी दर्शकों का धन्यवाद एव्ं हमें फॉलो करके हमारा समर्थन करें धन्यवाद
जय हिंद जय भारत |
(सच्चाई लिखने की हिम्मत की है साथ देने का हिम्मत आप रखिए) 

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